वैश्विक क्षेत्रफल: 5.8 मिलियन हेक्टेयर
वेल्टेकर पर क्षेत्रफल: 7 वर्गमीटर (0.35%)
उत्पत्ति क्षेत्र: दक्षिण-पूर्वी एशिया
मुख्य उत्पादन क्षेत्र: भारत, चीन, थाईलैंड, मेक्सिको
उपयोग / मुख्य लाभ: फल / खाद्य सामग्री

आम वह फल है जिसे दुनिया भर में सबसे ज़्यादा खाया जाने वाला फल माना जाता है। हालाँकि दुनिया के कई क्षेत्रों में सेब या केला पहले स्थान पर होते हैं, लेकिन भारत, पाकिस्तान और म्यांमार जैसे देशों में आम सबसे ऊपर है और लोगों का सबसे पसंदीदा फल माना जाता है।

असाधारण विविधता

दुनिया भर में 2000 से भी ज़्यादा आम की किस्में पाई जाती हैं, और हर एक की अपनी अनोखी विशेषताएँ होती हैं। इन किस्मों में रंग, बनावट, खुशबू और स्वाद में बड़ा फर्क होता है। विशेष रूप से पसंद की जाने वाली किस्मों में अल्फांसो आम शामिल है, जो अपनी मक्खन जैसी मुलायम बनावट और गहरी मिठास के लिए मशहूर है। एक और प्रसिद्ध किस्म है केसर आम, जिसे उसके सुगंधित केसर जैसे स्वाद के लिए जाना जाता है। मांगों की यह भरपूर विविधता खाने वालों को एक अनूठा और अलग-अलग स्वाद का अनुभव प्रदान करती है।

आम का पौधा, जिसका वैज्ञानिक नाम Mangifera indica है, एक हमेशा हरा रहने वाला पेड़ है जो लगभग 30 मीटर तक ऊँचा हो सकता है। आम के पेड़ के फूल छोटे, पीले-सफेद रंग के होते हैं और ये बड़े गुच्छों में लगे होते हैं। इसके पत्ते लंबे, गहरे हरे और चमकदार होते हैं, जबकि फल यानी आम किस्म के अनुसार रंग और आकार में अलग-अलग हो सकते हैं। आम के फल में एक बड़ा और चपटा बीज होता है और इसके चारों ओर एक मोटी छिलके वाली परत होती है।

आम का पेड़ सुमाक कुल (Anacardiaceae) से संबंधित है और इसकी खास पहचान है इसकी गहरी और फैलावदार जड़ प्रणाली, जो इसे सूखे के प्रति सहनशील बनाती है।

उष्ण कटिबंध की एक लाजवाब सौगात

आम की उत्पत्ति दक्षिण-पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हुई थी, खासकर आज के भारत, म्यांमार और बांग्लादेश में।
यह फल 4,000 साल से भी अधिक समय से उगाया जा रहा है और आज भी भारतीय संस्कृति और रसोई का एक अहम हिस्सा है।
यात्रियों और व्यापारियों को आम का मीठा और रसीला स्वाद बहुत पसंद आया, और इसी के चलते आम का पेड़ धीरे-धीरे दुनिया के अन्य उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में फैल गया। आज के समय में आम निर्यात के ज़रिए दुनिया भर के सुपरमार्केट में भी आसानी से मिल जाता है।

आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा आम उत्पादक देश है, उसके बाद चीन, थाईलैंड और मेक्सिको का स्थान आता है।
ये देश वैश्विक आम बाजार में सबसे आगे हैं। आम की खेती आमतौर पर बड़ी-बड़ी प्लांटेशन में की जाती है, जो बहुत अधिक भूमि पर फैली होती हैं। कटाई का समय किसान क्षेत्र और किस्म के अनुसार अलग-अलग होता है, लेकिन आम तौर पर मुख्य सीज़न मार्च से जून के बीच होता है।

पेड़ से मिलने वाला इम्युनिटी बूस्टर

आम सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि बहुत ही पौष्टिक भी होता है। इसमें विटामिन C, विटामिन A और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व त्वचा की सेहत सुधारते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करते हैं। आम में रेशे (फाइबर) भी अधिक मात्रा में होते हैं, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें प्राकृतिक शक्कर होती है, जो तेज़ ऊर्जा का अच्छा स्रोत बनाती है।

खानपान में आम को कई रूपों में खाया जाता है: ताज़ा, अलग-अलग पकने की अवस्थाओं में, सलाद में, रस या स्मूदी के रूप में,
या फिर सूखाकर। भारतीय रसोई में आम का उपयोग चटनी, अचार और कई अन्य व्यंजनों में मुख्य सामग्री के रूप में किया जाता है।

भविष्य का फल?

आम उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु के अनुकूल होता है, जिससे यह कुछ मामलों में जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील माना जा सकता है – खासकर उच्च तापमान को लेकर। आम के पेड़ कुछ हद तक सूखा-रोधी होते हैं। इनकी जड़ें गहराई तक जाती हैं, जिससे वे मिट्टी की गहराई में मौजूद पानी को खींच सकते हैं। यह विशेषता उन्हें उन इलाकों में बचाए रखती है, जहाँ बारिश अनियमित होती है या लंबे समय तक सूखा रहता है। हालाँकि, वृद्धि और फल बनने के चरण में आम के पेड़ों को पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है, ताकि अच्छा उत्पादन मिल सके। अगर सूखा ज्यादा लंबा चलता है, तो इससे फलों की गुणवत्ता और मात्रा दोनों पर असर पड़ता है। इसलिए, व्यावसायिक उत्पादन में ऐसी परिस्थितियों में नियमित सिंचाई ज़रूरी हो जाती है, ताकि फसल की हानि से बचा जा सके।

फलों का राजा

आम सिर्फ एक खानपान की पहचान नहीं है, बल्कि कई देशों में सांस्कृतिक प्रतीक भी है। भारत में इसे “फलों का राजा” कहा जाता है और यह त्योहारों और धार्मिक रीति-रिवाजों में एक मुख्य भूमिका निभाता है – चाहे वह हिंदू हों या बौद्ध। एक प्राचीन कथा के अनुसार, भगवान बुद्ध ने एक बार आम के बाग़ में विश्राम किया था, और उन्होंने आम के पेड़ की दीर्घायु, शक्ति और मजबूती की सराहना की थी। आम के पेड़ को लेकर यह भी माना जाता है कि उसमें जादुई शक्तियाँ होती हैं। इसी कारण, भारत में कई लोग पवित्र त्योहारों के दौरान अपने दाँत आम की टहनियों से साफ़ करते हैं।

थाईलैंड और फिलीपींस में आम रसोई और अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है। इसके अलावा, आम को टिकाऊ खेती और न्यायपूर्ण व्यापार की दिशा में एक अग्रणी फल भी माना जाता है। बुर्किना फासो और माली जैसे देशों में कई परियोजनाएँ जैविक खेती और उचित व्यापार शर्तों पर आधारित हैं – जिससे न सिर्फ आम की गुणवत्ता बेहतर होती है, बल्कि किसानों और किसान महिलाओं की जीवन स्थितियाँ भी सुधरती हैं। शहरी क्षेत्रों में, जैसे कि सामुदायिक बागानों और अर्बन फार्मिंग परियोजनाओं में, आम की खेती से खाद्य सुरक्षा में सुधार होता है और टिकाऊ उपभोग को बढ़ावा मिलता है।

स्रोत

Proplanta: Anbaufläche von Mangos: Weltweite Entwicklung von 1961-2021

Flowers of India: Mango

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