पहला द्विभाषी वेल्टेकर सम्मेलन
मार्च के पहले वीकेंड पर चौथी बार यूरोप और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से ग्लोबल फील्ड की टीमें एक साथ आईं,
ताकि मिलकर शिक्षा के काम को आगे बढ़ाया जाए और भविष्य की योजना बनाई जा सके। इस बार कुछ नया भी था:
सम्मेलन पहली बार दो भाषाओं में हुआ और सात देशों से करीब 30 पहलें इसमें शामिल हुईं। लगभग 60 प्रतिभागियों के साथ, यह सम्मेलन अब तक की सबसे बड़ी मुलाक़ात रही। बहुभाषी संवाद से यह साफ़ हुआ कि आंदोलन तेज़ी से बढ़ रहा है —
और यह भी कि सीमाओं से परे संवाद टिकाऊ खेती और पोषण के लिए सफल शिक्षा में कितना ज़रूरी है।

सार्वजनिक लॉन्च
इनसब्रुक की कई पहलों के साथ मिलकर, हमने अपने सम्मेलन की शुरुआत एक सार्वजनिक कार्यक्रम से की। करीब 100 लोग “Haus der Begegnung Innsbruck” में शामिल हुए। “भूख और भरपूरता” शीर्षक के तहत, वक्ताओं ने हमारी वैश्विक कृषि और खाद्य प्रणाली में मौजूद असमानताओं पर बात की। विश्व खेत के संस्थापक Benedikt Härlin और इनसब्रुक के कृषि समाजशास्त्री Prof. Markus Schermer ने अंतरराष्ट्रीय और ऑस्ट्रियाई कृषि से जुड़े तथ्य और समस्याएँ प्रभावशाली ढंग से सामने रखीं।
भूख और कुपोषण, जलवायु परिवर्तन और खेतों का खत्म होना जैसे विषयों ने दर्शकों को यह समझा दिया कि हमारी खाद्य व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने की ज़रूरत है। विश्व खेत की शिक्षा से जुड़ा काम इस बदलाव की दिशा में समाज के लिए एक अहम योगदान है।

(©Andreas-Christian Schröder)


इसके बाद, विभिन्न वेल्टेकर पहलों के तीन प्रतिनिधियों ने अपने-अपने शैक्षणिक तरीकों को प्रस्तुत किया।
Saja Schreiber, जो Osnabrück स्थित वेल्टेकर में Planetary Health Diet के अनुसार खेती करती हैं,
ने दिखाया कि उनका वेल्टेकर हमारी भविष्य की संभावित खानपान प्रणाली को कैसे दर्शाता है। खास आकर्षण रही Mercy Ambani की प्रस्तुति, जो केन्या के Gilgil स्थित Seed Savers Network से जुड़ी हैं। वह सम्मेलन में भाग लेने वाली ग्लोबल साउथ की पहली वेल्टेकर प्रतिनिधि थीं। उन्होंने बताया कि वहाँ 2000 वर्ग मीटर के खेत पूरे परिवार को खाना दे सकते हैं।
अंत में, Claudia Sacher (Innsbruck वेल्टेकर) ने क्लासिक वेल्टेकर मॉडल पर बात की, जो कि वर्तमान वैश्विक कृषि व्यवस्था को दर्शाता है।
गहन आदान-प्रदान और नए विचार
शनिवार और रविवार को वेल्टेकर पहलों से जुड़े प्रतिनिधियों को आपस में गहराई से विचार-विमर्श करने का मौका मिला।
कई वर्किंग ग्रुप्स में हमने शैक्षणिक काम के लिए नए विचार तैयार किए, अपने अनुभव साझा किए, और यह चर्चा की कि हम इस आंदोलन को भविष्य में और बेहतर तरीके से कैसे संगठित और आपस में जुड़ा हुआ बना सकते हैं। खास ध्यान इस बात पर रहा कि हम साझा परियोजनाएँ, और ग्लोबल साउथ में अपने साझेदारों के साथ मिलकर प्रोजेक्ट्स कैसे शुरू कर सकते हैं।
तो आप कई नए रोमांचक प्रोजेक्ट्स की उम्मीद कर सकते हैं!



(©Andreas-Christian Schröder)
सम्मेलन के अंत में हमने इनसब्रुक में स्थित ‘सर्दियों में विश्राम कर रहे’ वेल्टेकर का दौरा किया जो कि शहर के बीचों-बीच एक प्रभावशाली परियोजना है। यहाँ पूरा पड़ोस मिलकर काम करता है, और वेल्टेकर एक असली मिलन स्थल बन जाता है।
यह एक शानदार मुलाक़ात थी, जो हमेशा की तरह बहुत जल्दी ख़त्म हो गई। सभी प्रतिभागी नई सोच, ताज़ी प्रेरणा और कुछ ठोस कामों के साथ अपने-अपने प्रोजेक्ट्स की ओर लौटे। हम अपने पार्टनर feld:schafft Innsbruck का धन्यवाद करते हैं,
जिनकी शानदार मदद ने सम्मेलन के आयोजन को हमारे लिए बहुत आसान बना दिया। इसके अलावा, यह सम्मेलन Heidehofstiftung की सहायता से भी संभव हो सका।

(©Andreas-Christian Schröder)

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